प्रकृति का संरक्षण / स्थिरता
डेरी प्रसंस्करण में प्रकृति संरक्षण की शुरूआत प्रसंस्करण संयंत्रों की पर्यावरण-दक्षता से होती है। कुशल डिजाइन ने प्रसंस्करण में सामग्री और ऊर्जा की तीव्रता में कमी, सामग्री की रीसाइकिलिंग (पुनर्चक्रण) में वृद्धि और नवीकरणीय ऊर्जा के अधिकतम स्थायी उपयोग को सुनिश्चित किया है।
i) प्रसंस्करण में सामग्री और ऊर्जा की तीव्रता में कमी: प्रसंस्करण में सामग्री और ऊर्जा की तीव्रता में कमी प्राप्त करने के लिए, कुछ कुशल प्रसंस्करण प्रणालियों जैसे उच्च पुनर्निर्माण दक्षता के साथ पाश्चुराइज़र, कम तापमान वाले कुशल प्रसंस्करण प्रणाली तथा ऊर्जा कुशल मोटर्स के उपयोग को अपनाया गया है । स्वचालन प्रक्रिया सभी मानकों को नियंत्रित करने और निगरानी करने और हानि का आकलन करने की विशिष्ट शक्ति प्रदान करती है।
ii) सामग्री की रिसाइकिलिंग में वृद्धि: पानी के उपयोग को कम करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रक्रियाओं में पानी का रिसाइकिलिंग किया जाता है। 1970 के दूध और पानी का अनुपात 1: 3.5 घटकर आज 1:1 हो गया है। इन प्रक्रियाओं में स्टीम कंडेनसेट की पुनरावृत्ति, सीआईपी समाधान की चालकता पर आधारित पुन: उपयोग, मेम्ब्रेन फिल्ट्रेशन और रिवर्स ऑस्मोसिस प्रक्रिया के माध्यम से पाउडर प्लांट कंडेनसेट की रिकवरी, उपचारित अपशिष्ट की रिसाइकिलिंग और नॉन क्रीटकल सफाई में उपयोग इत्यादि शामिल हैं।
बॉयलर में बायोमास ब्रिकेट्स के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाता है । ईंधन के रूप में अपशिष्ट ब्रिकेट का उपयोग कर, 25 टीपीएच क्षमता तक के बॉयलर स्थापित किए जा चुके हैं। कोयला, पेट्रोलियम डेरिवेटिव आदि जैसे जीवाश्म ईंधन की जगह एग्रो - अपशिष्ट का उपयोग करने से प्रकृति का संरक्षण करने में मदद मिलती है।
iii) नवीकरणीय संसाधनों का सतत उपयोग: एनडीडीबी ने डेरियों में केंद्रित सोलर थर्मल प्रौद्योगिकी के उपयोग की शुरुआत की, जो आंशिक रूप से प्रसंस्करण में तापीय ऊर्जा की आवश्यकता का समाधान करती है। सीएसटी प्रसंस्करण संयंत्र की वार्षिक हीट डिमांड को 5 से 15% तक कम कर सकता है। एनडीडीबी ने महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात और कर्नाटक के चार राज्यों में डेरी सहकारी समितियों के प्रसंस्करण संयंत्रों में 15 सीएसटी स्थापनों को पूरा किया है। इन स्थानों पर कुल स्थापित कलेक्टर (एपर्चर) क्षेत्र लगभग 8,000 वर्गमीटर है।
एनडीडीबी ने गाँव की समिति में दूध के प्रशीतन हेतु स्वच्छ (हरित) ऊर्जा का उपयोग करके, नई तकनीक का विकास और क्रियान्वयन किया है। सोलर टीम ने गाँव की समिति में दूध के प्रशीतन हेतु स्वच्छ (हरित) ऊर्जा का उपयोग करके, नई तकनीक का विकास और क्रियान्वयन किया है। यह टीम डीजल जनरेटर और बिजली पर निर्भरता कम करने के साथ दूध की चिलिंग हेतु दूध संकलन केंद्रों के लिए नई तकनीक को विकसित कर क्रियान्वित भी कर रही है।