इंटरनेट पर आधारित डेरी भौगोलिक सूचना प्रणाली (आई-डीजीआईएस)
भारत के सहकारी दूध संघ किसान संस्थाएं हैं जो ग्रामीण डेरी किसानों को सहयोग देने के लिए व्यापक भौगोलिक क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियां संचालित करती हैं । इन गतिविधियों की उचित निगरानी करने और योजना बनाने के लिए यह आवश्यक है कि डिजिटल मानचित्र पर गांवों की उचित ढंग से पहचान की जाए तथा ग्राम स्तरीय सभी प्रासंगिक आंकड़े एकीकृत करके एक प्लेटफार्म पर एक साथ प्रस्तुत किए जाएं । अब, इंटरनेट आधारित जीआईएस प्रौद्योगिकी का विकास होने से गांवों की अधिक से अधिक जानकारी तथा ग्राफिकल आंकड़ों को डेरी क्षेत्र के सभी हितधारकों द्वारा निर्णय लेने हेतु उपयोगी सूचना के रूप में एकीकृत कर शीघ्रता से प्रसारित कर पाना संभव है । इंटरनेट आधारित डेरी भौगोलिक सूचना प्रणाली (आई-डीजीआईएस), जो एक मजबूत दृश्य उपकरण है, के विकास एवं क्रियान्वयन न केवल गांवों की पहचान होती है, बल्कि भारत के सभी प्रमुख दूध उत्पादक राज्यों में मानव जनगणना एवं पशुधन गणना को एकीकृत करती है । राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा इसका विकास मुख्य रूप से राष्ट्रीय डेयरी योजना-। की अंतिम कार्यान्वयन एजेंसियों (ईआईए), जो अधिकतर दूध संघ हैं, को सहयोग देने के लिए किया गया है । आगे, अनेक हितधारकों जैसे राज्य/केंद्र सरकार के पशुपालन विभाग, पशुधन विकास बोर्ड, एनजीओ इत्यादि के लिए डेरी क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों की योजना में तालमेल बनाने हेतु इसे उपयोग में लाया जा सकता है ।