चारा प्रदर्शन इकाई
एनडीडीबी, आणंद के डी-लैब परिसर में 2.5 एकड़ भूमि पर चारा प्रदर्शन इकाई (एफडीयू) की स्थापना की गई है। एफडीयू में किसानों तथा डेरी सहकारिताओं/ पशुपालन विभाग/ एनजीओ के तकनीकी अधिकारियों, को चारा उत्पादन एवं संरक्षण की नयी प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया जाता है ।
ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम के कई वर्षों बाद तक, एफडीयू ने किसानों/ आगंतुकों को विभिन्न कृषि जलवायु परिस्थितियों के लिए आधुनिक कृषि पद्धितयों, चारे की उपयुक्त प्रजातियों के चयन, बारहमासी चारा फसलों की नई किस्मों और संकर प्रजातियों, चारागाह घासों, रेंज दलहनी फसल, चारा वृक्षों/झाड़ियों इत्यादि के बारे में प्रशिक्षित करने और कृषि संसाधनों और इनपुट के उचित उपयोग हेतु मृदा उत्पादकता में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।
किसानों को चारे की खेती में संसाधनों के बेहत्तर उपयोग, उत्तम कृषि पद्धतियों (जीएपी) जैसे कम से कम जुताई और शून्य जुताई, फसल अवशेषों के समावेश, हरी खाद, कवर फसलों, पलवार, बाजरा नेपियर हाइब्रिड खेती में पानी की बचत करने हेतु ट्रेंच विधि, टपका सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) की विधि, जैविक खादों, जैव उर्वरकों अपनाने के बारे में प्रदर्शन किया जा रहा है ।
आगंतुकों को उनके गांवों में, परीक्षण और प्रदर्शन के उद्देश्य से बारहमासी घासों की तने की कटिंग और नई किस्मों के बीज के सैंपल प्रदान किए गए हैं ।
एफडीयू में, वर्ष 2012-13 से वर्तमान में उन्नत चारा उत्पादन और संरक्षण प्रौद्योगिकियों के बारे में किसानों, स्थानीय जानकार व्यक्तियों (एलआरपी), दुग्ध संघ के कर्मचारियों, पशुपालन विभाग के अधिकारियों, एनजीओ इत्यादि से लगभग 30,000 आगंतुकों को जानकारी दी गई है।